भारतीय स्टेट बैंक की रैपुरा शाखा की कार्यशैली से परेशान लोग

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भारतीय स्टेट बैंक की रैपुरा शाखा की कार्यशैली से परेशान लोग

केसीसी के लिए छह माह से परेशान किसान परिवार मीडिया के पास आया तो मैनेजर ने कहा अब नहीं करेंगे लोन।

पत्रकारों से कहा आप लोग बैंक न आए।

रैपुरा भारतीय स्टेट बैंक की रैपुरा शाखा लगातार अपनी कार्यशैली को लेकर सुर्खियों में है। एक तरह सरकार लगातार किसानों के हित में नई नई योजनाएं लगाकर उन्हें उठाना चाहती है दूसरी तरफ बैंक के अधिकारी सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं। ताज़ा मामला रैपुरा का है जहां एक किसान लटोरा रजक उम्र 59 वर्ष ने सितंबर 2024 में अपनी दस एकड़ जमीन पर किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया था। तब बैंक ने कहा नोटरी करवा कर लाना होगा तो किसान ने नोटरी में 2000 रुपए खर्च किया, उसके बाद बैंक ने बताया कि आप कटनी में एक वकील के पास जाकर जमीन की सर्च रिपोर्ट बनवाकर लाओ तो किसान कटनी जाकर अधिकारियों के बताए अनुसार 2500 रुपए लगाकर सर्च रिपोर्ट बनवाकर लाया। तीसरी बार बैंक ने किसान को बताया कि किसी अन्य बैंक में 2240 रुपए बाकी है उसे जमा करके आओ। किसान ने सारे काम बैंक के अधिकारियों के बताए अनुसार किए। बैंक ने तब अक्टूबर 2024 में किसान को दस से पंद्रह दिन का समय देकर कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड बन जाएगा। लेकिन बुजुर्ग किसान मार्च 2025 तक अपने किसान क्रेडिट कार्ड लिए भटक रहा है। किसान ने बताया कि वह कई बार बैंक गया लेकिन उसे यह कह दिया जाता कि अभी सतना मुख्यालय से फाइल क्लीयर होकर नहीं आई है।

सोमवार को किसान का बेटा जानकारी लेने पहुंचा तो फिर उसे वही जवाब देकर वापस भेज दिया गया। इसके बाद किसान ने फोन पर मीडिया को सारा माजरा बताया। इस पर हमने बैंक मैनेजर से बात की तो उन्होंने किसान को दोबारा भेजने के लिए कहा। दोबारा जाने पर किसान के बेटे से भारतीय स्टेट बैंक के मैनेजर ने कहा कि वह उसका लोन नहीं होने देंगे तुमने मीडिया को क्यों बताया। तुम्हारी फाइलों यही दे खारिज कर देते हैं। किसान का बेटा चिंतित होकर वापस मीडियाकर्मियों के पास पहुंचा और सारी व्यथा बताई तो मीडियाकर्मी बैंक मैनेजर का पक्ष जानने पहुंचे तो बैंक मैनेजर उल्टा मीडियाकर्मियों पर ही आरोप लगाते हुए बोले आप लोग यहां ना आएं। जो कुछ करना है बैंक के बाहर करो। मैं आपके खिलाफ लिखित शिकायत दे दूंगा।
मेरा परिवार मैं पिछले छः माह से बैंक के चक्कर काट रहा है। पिता जी बुजुर्ग है तो मैं लोन का स्टेटस जानने पहुंचा था जहां ब्रांच मैनेजर ने कहा कि मीडिया को क्यों बताया अब तुम्हारा लोन नहीं करेंगे। मैं नोटशीट में लिख दूंगा की तुम्हे दूसरे काम के लिए लोन चाहिए था। हमारे जमीन की सर्च रिपोर्ट और नोटरी में पैसे खर्च कराने के बाद ऐसा व्यौहार कर रहे हैं।
महेंद्र कुमार रजक, किसान का बेटा
मैं कई बार बैंक गया लेकिन हार बार कुछ न कुछ बताकर वापस कर देते हैं।
लटोरा रजक, किसान

रिपोर्ट कैलाश सेन

लोकेशन रैपुरा मध्य प्रदेश

Pradhan Warta
Author: Pradhan Warta

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