गांव के करीब बाघ की आमद से ग्रामीणों में दहशत
कई मवेशियों पर बाघ ने किया हमला
मानपुर विधानसभा मुख्यालय क्षेत्र अंतर्गत इंदवार क्षेत्र के अमरपुर पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम मुड़गुड़ी स्थित सामुदायिक गौशाला के कई मवेशियों पर बाघ ने हमला कर घायल किया है,वहीं इस घटना में एक गाय की मौत घटना स्थल पर ही हो गई थी,परन्तु इसके अलावा चार और मवेशी बाघ हमले में बुरी तरह घायल हुए थे।जिसकी जानकारी जिम्मेदार पशु चिकित्सको को तत्काल दी गई थी,परन्तु पशु स्वास्थ्य कर्मियों के न पहुँचने की वजह से और एक बछड़े की मौत हो गई है,इनके अलावा बाघ के हमले में करीब तीन अन्य पालतू मवेशी घायल बताये जा रहे है।सूत्रों की माने तो ग्राम मुड़गुड़ी में मौजूद सामुदायिक गौशाला मे करीब 150 मवेशी मौजूद थे जिन्हे सोमवार की दोपहर गौशाला कर्मियों ने पानी आदि पिलाने मवेशियों को भदार नदी के घाट ले जाया गया था उक्त नदी गौशाला से लगी हुई करीब ही बहती है।इसी दौरान झाड़ियों में छिपा बाघ पानी पी रहे मवेशियों पर अचानक हमला कर दिया,इस हमले में एक गाय को घटना स्थल पर ही मार कर भूँखे बाघ ने अपना निवाला बना लिया,वही चार और मवेशियों पर हमला कर गम्भीर रूप से घायल कर दिया,हमले के बाद गौशाला कर्मियों ने जिम्मेदार स्वास्थ्य कर्मियों को विधिवत जानकारी दी,परन्तु जिम्मेदार मौके पर नही पहुंच सके,जिस वजह से एक गाय की मौत के बाद एक बछड़े की भी मौत हो गई जो दुर्भाग्यपूर्ण है आपको बता दे अभी हाल के दिनों में इसी मुड़गुड़ी में युवा बाघ ने स्थानीय सजेश कोल पर भी हमला किया था,जिसमे युवक गम्भीर रूप से घायल हुआ था।कुल मिलाकर गांव के करीब भदार नदी पर निरन्तर बाघ की मूवमेंट बनी रहती है,जिस वजह से ग्रामीणों में जमकर दहशत है,वही बाघ के हमले से मवेशियों की लगातार मौतों से भी ग्रामीण काफी चिंतित है।
सूत्रों की माने तो बफर जोन क्षेत्र में जंगली जानवरों की मौजूदगी की खबर सुनते ही शिकारी सक्रिय हो उठते हैं और वारदात को अंजाम दे डालते हैं जिसके बाद निष्क्रिय प्रबंधन का उदासीन रवैया देख शिकारी जंगली जानवरों का शिकार बड़ी ही आसानी से करने के बाद मौके से भागने में भीं सफल हो जाते हैं और किसी को कानो कान खबर भी नहीं लग पाती वहीं वन अमले द्वारा शिकार कांड के बाद भी आपसी संघर्ष का रटा रटाया जबान को प्रेसनोट बना कर सार्वजनिक कर मामले पर इति श्री लगा दिया जाता है बहरहाल बफर जोन क्षेत्र में वर्षों से एक ही जगह पर पदस्थ रेंजरों को जब तक नही हटाया जाता तब तक ऐसे ही उदासीन रवैया के कारण जंगल से निकल कर बफर जोन क्रास कर जंगली जानवर ग्रामीण क्षेत्र में पलायन करेंगे जहां पहले से ही घात लगाए बैठे शिकारियों के हांथ लगेंगे जिसका उदाहरण के तौर पर अभी हाल ही में छोटा भीम नामक बाघ के साथ हुई घटना से देखा जा सकता है बांधवगढ़ प्रबंधन से जनापेक्षा है की समय रहते मुड़गुड़ी गांव के करीब पहुंचे बाघ मामले को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्र पर नाकाबंदी कर बाघ को हंकवा कर जंगल की तरफ खदेड़ा जाय और बफर जोन के निस्क्रीय रेंजरों के भरोस वन्य जीवों की जान से खेलवाड़ न किया जाय बल्कि स्वयं मामले पर निगरानी बढ़ाई जाए ताकि जंगली जानवर अब दोबारा सिकरियो के चंगुल में न फंस सकें और समय रहते वर्षों से एक ही जगह पर पदस्थ रेंजरों का अन्यत्र तबादला कर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर वा बफर जोन को सुरक्षित किया जाए
Author: Pradhan Warta
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