कोदो की फसल खाने से बीमार हुये मवेशी
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के अंतर्गत लखनौटी और रोहनिया गांव में 22 नग मवेशी भैंस कोदो की फसल खाने से बीमार हो गए हैं। शासकीय पशु चिकित्सक मौके पर पहुंच कर इलाज कर रहे हैं। अभी हाल ही में हुई हाथी मृत्यु की घटनाओं के बाद बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व प्रबंधन भी अलर्ट मोड़ पर आ गया है और अपने स्टाफ से मवेशियों की निगरानी कराई जा रही है और सैंपल लिए जा रहे हैं
यह घटना बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उमरिया ज़िले के लखनौटी और रोहनिया गांव में मवेशियों का बीमार होना, खासकर कोदो की फसल खाने से, यह संकेत दे सकता है कि फसल में कुछ विषैले तत्व या पौधों से संबंधित कोई समस्या हो सकती है। शासकीय पशु चिकित्सकों का मौके पर पहुंच कर इलाज करना और सैंपल लेना बहुत जरूरी कदम है ताकि समस्या की जड़ का पता चल सके।
इसके अलावा, हाल ही में हाथियों की मृत्यु की घटनाओं ने बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व प्रबंधन को भी सतर्क कर दिया है, जो सही कदम है। मवेशियों की निगरानी बढ़ाना और इस मामले में त्वरित कार्रवाई करना रिजर्व के पशु और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
यह भी देखा जाना चाहिए कि ये घटनाएं किसी बड़ी पर्यावरणीय समस्या, जैसे की प्रदूषण, विषाक्त पदार्थों के प्रभाव, या कृषि रसायनों के इस्तेमाल से जुड़ी हो सकती हैं। रिजर्व प्रबंधन को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि वन्यजीवों और आसपास के गांवों के जानवरों को किसी भी प्रकार के खतरे से बचाया जा सके।
टीमें सभी संभावित पहलुओं से मामले की जांच कर रहीं
मध्य प्रदेश सरकार के फैसले के मुताबिक, सरकार की एसआइटी और एसटीएसएफ की टीमें सभी संभावित पहलुओं से मामले की जांच कर रही हैं।
सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू (चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन) भी मौके पर रहे
पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ और सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू (चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन) भी मौके पर रहे और पोस्टमार्टम और जांच की निगरानी कर रहे हैं।
पहले भी हुईं घटनाएं
कोदो में होने वाले फंगल इनफेक्शन माइकोटाक्सीन की वजह से इसी साल शहडोल जिले के गोहपारू तहसील के ग्राम कुदरी-भर्री निवासी एक ही परिवार के पांच लोग बीमार हो गए थे, जिन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल में दाखिल किया गया था। डाक्टरों को इन सबकी जान बचाने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी।