आजाद चौक बावली टोला के प्रसिद्ध मरही माता मंदिर में करवा चौथ के पावन अवसर पर महिलाओं द्वारा विशेष पूजन का आयोजन किया गया। इस वार्षिक त्योहार में महिलाओं ने भाग लिया, जो अपने पतियो के दीर्घायु और समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।
पूजा की शुरुआत मरही माता की आरती से हुई, जिसके बाद महिलाओं ने अपने व्रत का संकल्प लिया। पंडित जी ने वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया और करवा चौथ की कथा सुनाई, जो इस परंपरा के पीछे के प्रेम और बलिदान की कहानी बताती है।
दोपहर के समय, महिलाओं ने एक साथ बैठकर मेहंदी लगाई और करवा चौथ के गीत गाए। इस दौरान उन्होंने अपने अनुभवों और परंपराओं को साझा किया, जिससे समुदाय की एकता और मजबूती का संदेश मिला।
शाम को, सूर्यास्त के समय, महिलाओं ने छलनी से चंद्रमा को देखा और अपने पतियों के हाथों से पानी पीकर व्रत का पारण किया। इस क्षण को बड़े धूमधाम से मनाया गया, जहाँ पति-पत्नी ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई और आशीर्वाद का आदान-प्रदान किया।
मंदिर के पुजारी ने इस अवसर पर कहा, “करवा चौथ हमारी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह केवल एक व्रत नहीं है, बल्कि प्रेम, समर्पण और परिवार के प्रति निष्ठा का प्रतीक है।”
इस तरह, मरही माता मंदिर में मनाया गया करवा चौथ का त्योहार न केवल धार्मिक महत्व का था, बल्कि सामुदायिक एकता और परंपराओं के संरक्षण का भी उदाहरण बना।