विशुद्ध हवा लाखों की दवा,करे योग रहे निरोग/डॉ.प्रदीप पटेल
डॉक्टर प्रदीप पटेल चिल्हारी आयुर्वेद अस्पताल में पदस्थापना होने से ग्रामीण क्षेत्रीय जनों को मिल रहा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं।
आयुर्वेद औषधालय चिल्हारी में पदस्थ डॉ प्रदीप पटेल लगातार कई वर्षों से आयुर्वेदिक औषधालय अस्पताल चिल्हारी में अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं जब से प्रभार संभाले है लोगों को बेहतर निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा मिल रहीं हैं श्री पटेल की चिकित्सा के क्षेत्र में इनकी पकड़ मजबूत है आमजन को आयुर्वेद जड़ी बूटिया दवाओं से रोगियों को बेहतर ढंग से उपचार देने में कार्यगर साबित हुए हैं। चिल्हारी के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा दे रहे वही चिल्हारी पलझा बेल्दी चन्सुरा चंदवार पड़वार महरोई बम्हनगवा आदि गांवों के लोग भी स्वास्थ्य सुविधा लेने पहुंचते हैं निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा मुहैया ग्रामीण क्षेत्रीय जनों को पहुंचा रहे। श्री पटेल योग पर ज़ोर देते हुए सभी से अपील की है कि योग को जीवन में निरंतर बना कर प्रत्येक व्यक्ति बेहतर स्वास्थ्य का लाभ प्राप्त कर सकता है। श्री पटेल का मानना है कि स्कूलों में पढ़ाई लिखाई के साथ योग की शिक्षा पर भी ध्यान देने की जरूरत है। आयुष विभाग की पहल के बाद योग के प्रति लोगों का रुझान बढ़ने लगा है। स्कूल का खेल मैदान में कड़ाके की ठंड की परवाह किए बगैर योग करने वालों की खासी भीड़ कुछ दिनों में नजर आने लगेगी
*आयुष विभाग के चिकित्सक प्रदीप पटेल की पहल से अनेक लोग प्रातः योग क्रिया में रूचि ले रहे हैं। श्री पटेल का कहना है कि स्वास्थ्य जीवन के लिए आयुर्वेदिक दवा और योग को नियमित करने से अच्छा लाभ मिलता है।आयुर्वेद चिकित्सक श्री पटेल का कहना था कि देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल के बाद योग पर पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित हुआ है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में योग की शिक्षा पर निरंतरता बनाने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि योग के त्वरित लाभ से पूरी दुनिया के लोगों ने इस अपनाना शुरू कर दिया है।वास्तव में योग के लिए धन की नहीं बल्कि थोड़ा समय निकालने की जरूरत है। इसके बाद योग से लाभान्वित होने वाला प्रत्येक व्यक्ति दूसरों को भी प्रेरणा देने लगता है। श्री पटेल ने कहा कि प्राचीन समय से जिस तरह योग का महत्व कम नहीं हो पाया है उसी तरह आयुर्वेद की दवाओं का भी महत्व बरकरार है। अपने आस पास मिलने वाली तुलसी,अदरक,लहसुन एवं अन्य जड़ी बूटियों को अपना कर हम अपने जीवन को तरोताजा रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की दवाओं का सेवन तथा इसके लाभ की जानकारी हमसे निशुल्क दवा एवं परामर्श ले सकते हैं योग और आयुर्वेद के प्रति जागरूक होने से बेहतर स्वास्थ्य का लाभ उठाया जा सकता है।
निस्वार्थ सेवा ही सच्ची और सार्थक सेवा है। श्री पटेल
सेवा दो प्रकार की हैं, सकाम और निष्काम, यानी निस्वार्थ। सेवा का अर्थ है दूसरों को सुख, शांति और राहत देने का भाव या कर्म। इसके बदले में अगर व्यक्ति कुछ पाने या बनने की आशा रखता है तो उसे सकाम सेवा कहते हैं। बिना फल प्राप्ति की इच्छा रखते हुए अगर इंसान सिर्फ दया, करुणा, हमदर्दी, सहायता और समानता की भावना से प्रेरित होकर किसी की सेवा करे, तभी यह निष्काम सेवा हैं ।
सबके कल्याण में ही छुपा है अपने कल्याण का मंत्र, निस्वार्थ भाव से की गई सेवा ही सार्थक है
कहते हैं, ‘करो सेवा तो पाओ मेवा।’ यहां मेवा का भाव कोई मूल्यवान वस्तु पा जाना नहीं है, और न ही प्रशंसा पाना है। यह अंदर की खुशी और मनोबल में वृद्धि है। यही पुण्य की असली पूंजी है, जो निस्वार्थ सेवा करने वाले लोगों को दुआओं से प्राप्त होती है।