
बिजली चोरी रोकें, मध्यप्रदेश के विकास को दें नया आयाम
भोपाल, मध्यप्रदेश,
मध्यप्रदेश सरकार और राज्य की बिजली वितरण कंपनियाँ मिलकर आम जनता को एक गंभीर और ज़िम्मेदारी से भरा संदेश दे रही हैं:
“बिजली, मध्यप्रदेश के विकास की ऊर्जा है।”
यह केवल एक नारा नहीं, बल्कि प्रदेश की समग्र तरक्की की नींव है। यह ऊर्जा हमारे घरों, खेतों, उद्योगों और स्कूलों तक जीवन की रफ्तार पहुँचाती है। लेकिन राज्य के कुछ हिस्सों में बिजली चोरी की घटनाएँ विकास में बाधा बन रही हैं।
बिजली चोरी : अपराध भी, अनैतिकता भी
बिजली चोरी न सिर्फ एक दण्डनीय अपराध है, बल्कि यह समाज और राष्ट्र के प्रति हमारी नैतिक जिम्मेदारी का भी उल्लंघन है। इससे सरकार को भारी आर्थिक नुकसान होता है और ईमानदार उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार पड़ता है।
राज्य सरकार का कहना है कि ऐसे कृत्य प्रदेश की तरक्की में रोड़ा बनते हैं और इन पर कठोर कार्रवाई आवश्यक है।
राज्य सरकार की सख्त अपील
सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि यदि उन्हें बिजली चोरी की जानकारी हो, तो वे तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें। आपकी एक सूचना कई किलोवाट बिजली को बर्बाद होने से बचा सकती है और प्रदेश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
बिजली विभाग के अधिकारी बोले
“हमारे पास अत्याधुनिक उपकरण और तकनीक मौजूद हैं जो बिजली चोरी की पहचान कर सकती हैं। लेकिन जब तक नागरिकों का सहयोग नहीं मिलेगा, यह प्रयास अधूरा रहेगा। जनभागीदारी ही इस अभियान की सफलता की कुंजी है।”
जागरूक बनें, ज़िम्मेदार नागरिक बनें
मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर, समृद्ध और ऊर्जा-सुरक्षित राज्य बनाने के लिए हर नागरिक का सहयोग आवश्यक है। याद रखें:
🔌 “बिजली की सुरक्षा, हमारी जिम्मेदारी!”
बिजली चोरी रोकने पर अब मिलेगा इनाम : मध्यप्रदेश में लागू हुई पारितोषिक योजना
मध्यप्रदेश में बिजली चोरी पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार और बिजली विभाग ने एक नई पहल शुरू की है। इसके अंतर्गत अब बिजली चोरी की सूचना देने वाले कर्मचारियों को पारितोषिक राशि दी जाएगी, जिससे विभागीय निगरानी और जवाबदेही दोनों को सशक्त किया जा सके।
योजना के प्रमुख बिंदु:
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बिजली चोरी पकड़वाने पर 10% पारितोषिक राशि संबंधित कर्मचारी को दी जाएगी।
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इसमें से 5% राशि तुरंत, और शेष वसूली के बाद प्रदान की जाएगी।
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बिजली विभाग के सभी श्रेणी के कर्मचारी इस योजना के अंतर्गत भागीदार होंगे।
बिजली विभाग का मानना है कि कर्मचारियों की सतर्कता और सक्रियता से बिजली चोरी पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है। यह योजना कर्मचारियों को न केवल प्रोत्साहित करेगी, बल्कि व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ाएगी।
बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी का बयान:
“बिजली चोरी एक गंभीर समस्या है जिससे न केवल राजस्व का नुकसान होता है, बल्कि यह राज्य के विकास में भी बाधा उत्पन्न करता है। यह पारितोषिक योजना कर्मचारियों को सचेत और जिम्मेदार बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।”
आपकी सतर्कता – व्यवस्था की मजबूती
यह योजना न केवल कर्मचारियों को प्रेरित करेगी, बल्कि प्रदेश की ऊर्जा व्यवस्था को भी और अधिक सुदृढ़ बनाएगी। बिजली चोरी रोकने के इस अभियान में हर कर्मचारी एक प्रहरी की भूमिका निभाएगा।
📞 बिजली चोरी की सूचना देने के लिए संपर्क करें:
हेल्पलाइन नंबर: 1912

