शासकीय तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कटनी में भारतीय शिक्षण मंडल, महाकौशल प्रांत, जिला कटनी का 56वां स्थापना दिवस समारोह बड़े उत्साह और गरिमामय ढंग से आयोजित किया गया

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दिनांक 24 अप्रैल 2025 को शासकीय तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कटनी में भारतीय शिक्षण मंडल, महाकौशल प्रांत, जिला कटनी का 56वां स्थापना दिवस समारोह बड़े उत्साह और गरिमामय ढंग से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य डॉ. सुनील बाजपेई, शासकीय तिलक महाविद्यालय, और प्राचार्य डॉ. चित्रा प्रभात, शासकीय कन्या महाविद्यालय, के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। यह समारोह भारतीय संस्कृति, शिक्षा, और राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति समर्पण का प्रतीक रहा।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के शैल चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जो भारतीय परंपराओं के प्रति श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है। इसके पश्चात डॉ. श्रद्धा वर्मा ने संगठन गायन प्रस्तुत किया, जिसने उपस्थित लोगों में उत्साह और एकता की भावना जागृत की। ध्येय श्लोक और ध्येय वाक्य का पाठ श्रीमती रितु त्रिपाठी और श्रीमती सीमा जैन ने किया, जिसने भारतीय शिक्षण मंडल के उद्देश्यों को रेखांकित किया।
कार्यक्रम में भारतीय शिक्षण मंडल का परिचय और प्रस्तावना डॉ. कमलेश मिश्र, प्रांत मंत्री, महाकौशल प्रांत, भारतीय शिक्षण मंडल, ने दी। उन्होंने संगठन के इतिहास, उसके शैक्षिक योगदान और राष्ट्रीय शिक्षा में उसके महत्व को विस्तार से बताया। इसके उपरांत माननीय अतिथियों का स्वागत साल और श्रीफल भेंटकर किया गया, जो भारतीय संस्कृति की आतिथ्य परंपरा को दर्शाता है।

मुख्य वक्ता श्री पंकज नाफड़े, अखिल भारतीय संयुक्त महामंत्री, भारतीय शिक्षण मंडल, ने अपने प्रेरक उद्बोधन में भारतीय संस्कृति के अनुसार शिक्षा प्रदान करने पर बल दिया। उन्होंने ‘वसुदेव कुटुंबकम’ की भावना को अपनाने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के महत्व पर प्रकाश डाला। उनके विचारों ने उपस्थित शिक्षकों, छात्रों और अतिथियों को भारतीय मूल्यों के साथ आधुनिक शिक्षा को जोड़ने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री संजय त्रिपाठी, जिला कार्यवाह, विश्वविद्यालय कार्य समिति सदस्य, और अधिवक्ता, ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और युवाओं को नैतिक मूल्यों से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। उनके उद्बोधन ने उपस्थित लोगों में राष्ट्रीयता और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को और सुदृढ़ किया।
कार्यक्रम के अंत में श्रीमती सीमा जैन ने ‘सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे संतु निरामयाः’ श्लोक का गायन किया, जो विश्व कल्याण और समृद्धि की कामना को व्यक्त करता है। मंच का संचालन डॉ. माधुरी गर्ग ने अत्यंत कुशलता और प्रभावी ढंग से किया, जिसने कार्यक्रम को और अधिक व्यवस्थित और आकर्षक बनाया।
इस अवसर पर वरिष्ठ प्राध्यापक गण डॉ. साधना जैन, डॉ. रश्मि चतुर्वेदी, डॉ. किरण खरादी, डॉ. वी.के. द्विवेदी, डीआर रूकमणि प्रताप सिंह, केडीसी डायरेक्टर श्री पारस जैन समस्त प्राध्यापकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। यह समारोह न केवल भारतीय शिक्षण मंडल के गौरवशाली इतिहास का उत्सव था, बल्कि भारतीय शिक्षा और संस्कृति के प्रति एक नई प्रतिबद्धता का भी प्रतीक बना।
Pradhan Warta
Author: Pradhan Warta

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