देवी स्कंदमाता पूजा विधि, स्तुति और आरती
🌸 देवी स्कंदमाता पूजा विधि 🌸
🌟 देवी स्कंदमाता की स्तुति 🌟
ॐ स्कंदमाते नमः
श्री स्कंदमाता महाकालिका,
कुमारिकाधिपति, जगत माता।
सिंह पर सवार, धर्म की रक्षक,
यत्र यत्र माता, तत्र तत्र विजय।
अर्थ:
हे देवी स्कंदमाता! आप सभी भक्तों की अर्द्धांगिनी हैं। आप अपने सिंह वाहन पर सवार होकर संसार को धर्म की राह दिखाती हैं। आपकी कृपा से ही सभी संकट दूर होते हैं।
🔥 देवी स्कंदमाता आरती 🔥
आरती (धीरे-धीरे घी के दीपक से आरती करें)
जय स्कंदमाता, जय जय स्कंदमाता,
सिंह पर सवार, धर्म की रक्षक माता।
कमल कमल नेत्र, चंद्रमा के समान,
आपकी कृपा से ही दूर हो संकटों का मान।
अर्पण करें:
दीपक, फूल और मिठाई अर्पित करें।
अंत में “ॐ शांति” का जाप करें।
🌸 देवी स्कंदमाता पूजा विधि 🌸
1. पूजा की तैयारी:
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स्वच्छ स्थान पर पूजा का पाटी या चौक सजाएं।
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देवी स्कंदमाता की तस्वीर या मूर्ति रखें।
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पूजा के लिए आवश्यक सामग्री: फूल, पानी, फल, अगरबत्ती, दीपक, चंदन, कुंकुम, आदि।
2. देवी का स्वागत:
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देवी का स्वागत आभार भाव से करें।
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शुद्ध मन से संकल्प लें कि पूजा पूरे मनोयोग से की जाएगी।
3. पूजा के चरण:
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अर्पण: देवी को फूल, फल, जल अर्पित करें।
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आसान: देवी के चरणों में पंखा झलें और दीपक जलाएं।
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अर्चना: देवी के 108 नामों का जाप करें या मंत्र:
“ॐ स्कंदमाते नमः” -
संगीत: भक्ति गीत या स्तुति गाएं।
4. अर्पण और प्रार्थना:
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देवी को मिठाई, विशेष रूप से खीर या लड्डू अर्पित करें।
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अपनी इच्छाएं और प्रार्थनाएं देवी के चरणों में रखें।
5. आरती:
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घी के दीपक से देवी की आरती करें और फिर उसकी रौशनी सभी भक्तों को दिखाएं।
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आरती के समय “जय स्कंदमाता” का जयकार करें।
