
देवी चंद्रघंटा पूजा विधि, स्तुति और आरती
देवी चंद्रघंटा पूजा विधि, स्तुति और आरती का विवरण नवरात्रि के दूसरे दिन विशेष रूप से किया जाता है। यह दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा के लिए पावन होता है, जो शांति, शक्ति और भय को दूर करने वाली मानी जाती हैं।
🎵 देवी चंद्रघंटा स्तुति 🎵
“चंद्रघंटा स्तुति” का पाठ विशेष रूप से इस प्रकार किया जाता है:
ॐ चंद्रघंटायै चर्मदेहाय चंद्रप्रभायै महाक्रूराय महाशक्तयै नमः।
ध्यानं चंद्रघंटायै शांति रूपे चंद्रप्रकाशे महाक्रूराय महाशक्तयै नमः।।
✨ देवी चंद्रघंटा आरती ✨
“चंद्रघंटा आरती” इस प्रकार है:
ॐ जय चंद्रघंटा, जय जय चंद्रघंटा,
शांति के प्रतीक, सदा रहे अंधेरा हटता।
गुणों के भंडार, शक्ति की साक्षात रूप,
माँ चंद्रघंटा के चरणों में सच्चा सुख।
आरती हो गई, माँ की कृपा सदा रहे!
🌸 देवी चंद्रघंटा पूजा विधि 🌸
1. तैयारी:
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पूजा से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
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पूजा स्थल को स्वच्छ करें और लाल या पीले रंग के कपड़े बिछाएं।
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देवी के चित्र या मूर्ति को सजाएं।
2. पूजा का आरंभ:
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दीपक जलाएं और सुगंधित धूप अर्पित करें।
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देवी चंद्रघंटा का आह्वान करें:
“ॐ चंद्रघंटायै नमः”
3. देवी को अर्पण:
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लाल फूल, फल, मिठाई (विशेष रूप से खीर या गुड़-चावल) अर्पित करें।
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देवी के चरणों में जल अर्पित करें और ध्यान करें।
4. मंत्र जाप:
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निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:
“ॐ चंद्रघंटायै चर्मदेहाय चंद्रप्रभायै महाक्रूराय महाशक्तयै नमः” -
यह मंत्र 108 बार जाप करें।
5. आरती:
