देवी शैलपुत्री पूजा विधि और स्तुति , आरती
देवी शैलपुत्री का परिचय:
देवी शैलपुत्री, नवरात्रि के प्रथम दिन पूजा जाने वाली देवी हैं। वे पर्वतों की पुत्री हैं और देवी दुर्गा का पहला रूप मानी जाती हैं। उनका स्वरूप सफेद रंग का होता है, और वे एक कमल के फूल, त्रिशूल और कमलधारी के साथ सुसज्जित रहती हैं।
🙏 देवी शैलपुत्री स्तुति: 🙏
“ॐ जय शैलपुत्रि, जय दुर्गा माता,
जय महेश्वरी, जय अन्नपूर्णा माता।
जय कात्यायनी, जय कालरात्रि,
जय महागौरी, जय सिद्धिदात्री।”
🌼 देवी शैलपुत्री आरती: 🌼
“ॐ जय लक्ष्मी माता, जय लक्ष्मी माता,
आपके दर पर सजीव है सब आशीर्वाद की बाता।
ॐ जय शैलपुत्री, जय शैलपुत्री,
आपके चरणों में बसी है हमारी हर ख़ुशी की लकीर।”
🌸 पूजा विधि (पूजा करने की प्रक्रिया): 🌸
1. तैयारी:
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पूजा से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
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पूजा स्थान को स्वच्छ करें और वहां एक साफ चौकी पर लाल या सफेद कपड़ा बिछाएं।
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देवी के चित्र या मूर्ति को रखें।
2. आस्था और अर्पण:
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दीपक जलाएं और उसकी रोशनी में देवी को अर्पित करें।
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देवी को फूल, फल, नारियल, मिठाइयाँ, दुग्ध, जल, चंदन, हल्दी आदि अर्पित करें।
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यदि संभव हो तो देवी के लिए विशेष रूप से घी का दीपक लगाएं।
3. पूजा विधि:
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सबसे पहले गणेश जी का आह्वान करें।
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फिर देवी शैलपुत्री का आह्वान करें और उन्हें फूलों से सजाएं।
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पूजा में विशेष रूप से “ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
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देवी को अर्पित करने के बाद प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन में शक्ति, समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद दें।
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🌟 विशेष सुझाव:
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पूजा के दौरान मन को शांत रखें और पूर्ण श्रद्धा के साथ पूजा करें।
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यदि आप नवरात्रि के सभी नौ दिनों तक पूजा कर रहे हैं, तो देवी के प्रत्येक रूप की पूजा करें।
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देवी शैलपुत्री के साथ विशेष रूप से शक्ति और संकल्प की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।
अगर आपको पूजा के किसी विशेष हिस्से या अन्य देवी के रूपों के बारे में जानकारी चाहिए, तो बताएं! 😊🙏
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