शासकीय कन्या महाविद्यालय कटनी में विश्व एड्स दिवस पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण गतिविधि का आयोजन किया गया
शासकीय कन्या महाविद्यालय कटनी में विश्व एड्स दिवस पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण गतिविधि का आयोजन किया गया, जिसमें नारा लेखन एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व राष्ट्रीय सेवा योजना एवं रेड रिबन क्लब के प्रभारियों द्वारा किया गया, जिसमें महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर विमला मिंज के मार्गदर्शन में छात्राओं ने सक्रिय भागीदारी की।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्राओं में एड्स के प्रति जागरूकता फैलाना और इस गंभीर बीमारी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करना था। लगभग 50 छात्राओं ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसने न केवल उनकी रचनात्मकता को बढ़ावा दिया बल्कि एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे पर उनकी समझ को भी गहरा किया।
जिला चिकित्सालय से आए एड्स नियंत्रण अधिकारी श्री हेमंत श्रीवास्तव ने छात्राओं को एड्स से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने एड्स के परीक्षण, बचाव और संरक्षण के बारे में व्यापक रूप से प्रकाश डाला। इसके अलावा, श्री रामानंद शर्मा, जो टेक्नीशियन प्रभारी हैं, ने भी छात्राओं को एड्स से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।
कार्यक्रम में विशेष रूप से डॉ. किरण खरादी ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए और छात्राओं को इस तरह की सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया। उनका मार्गदर्शन छात्राओं के लिए अत्यंत प्रेरणादायक रहा।
कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें छात्राओं को एड्स से संबंधित विभिन्न प्रश्न पूछे गए। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया, जिससे उनका उत्साह और बढ़ा।
डॉ. रीना मिश्रा ने कार्यक्रम की समग्र गतिविधियों की जानकारी दी और सभी प्रतिभागियों तथा आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजय कांत भारद्वाज ने कुशलतापूर्वक किया।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त स्टाफ, श्रीमती सुनीता श्रीवास्तव, श्रीमती नेहा चौधरी, डॉ. अपर्णा मिश्रा, डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. प्रतिमा सिंह, श्रीमती सृष्टि श्रीवास्तव, डॉ. वंदना चौहान, श्रीमती स्मृति दहायत, श्रीमती मीनाक्षी वर्मा, श्री भीम बर्मन, श्री प्रेमलाल, श्रीमती नम्रता निगम और सुश्री पूजा सिंह राजपूत की उपस्थिति रही।
यह कार्यक्रम न केवल एड्स के बारे में जागरूकता फैलाने में सफल रहा, बल्कि छात्राओं में सामाजिक मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की भावना को भी बढ़ावा दिया।