बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से एक बड़ी घटना, 4 हाथियों की मौत, 7 गंभीर रूप से बीमार
उमरिया जिले के विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से एक बड़ी घटना सामने आ रही है, जहां चार जंगली हाथियों की दर्दनाक मौत हो गई है वहीं लगभग 7 अन्य हाथी गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं। घटना के बाद से प्रबंधन में हड़कंप की स्थिति बन गई है, और वरिष्ठ से लेकर नीचे तक का अमला मौके पर पहुंच चुका है, वहीं बीमार हाथियों का उपचार किया जा रहा है। संयुक्त संचालक पीके वर्मा ने बताया कि हाथियों को जहर दिए जाने की संभावना लग रही है, लेकिन असली वजह जांच के बाद ही सामने आ पाएगी। घटना पार्क के खितौली और पतौर कोर क्षेत्र के मध्य स्थित सलखनिया बीट के चरक वाह इलाके के जंगल की है।
बता दें कि फसल में लगे माहुर रोग से बचाव के लिए किसानों ने कीट नाशक छिड़काव किया था। अनुमान लगाया जा रहा है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अंतर्गत गांवों में धान की फसल को कीटों से बचाने रासायनिक दवा का किसानों ने छिड़काव किया था जिसे जंगली हाथियों ने खा लिया और उनकी मौत हो गई है
29 अक्टूबर 2024 की दोपहर नियमित गश्त के दौरान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों को खितौली और पतौर कोर रेंज के सलखनिया बीट के RF384 और PF183A में कुल 4 जंगली हाथी मृत मिले।
जाँच में जुटा पार्क अमला
टाइगर रिजर्व बांधवगढ़ में बीते वर्ष 2018 से कर्नाटक, झारखंड और छत्तीसगढ़ के रास्ते पहुंचे जंगली हाथियों ने बांधवगढ़ में अपना रहवास बना लिया था वर्तमान अलग-अलग झुण्ड में तकरीबन 70 से 80 जंगली हाथी बांधवगढ़ के अलग अलग क्षेत्रों में विचरण कर रहे हैं, प्रबंधन हाथियों से ग्रामीणों की सुरक्षा और फसलों के बचाव के लिए प्रयास करता है लेकिन जंगली हाथी गाहेबगाहे गांवों में नुकसान करने पहुंच जाते हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं यह मामला जहर खुरानी से तो नहीं जुड़ा यह एक बड़ा सवाल है अब पार्क प्रबंधन पीएम होने के बाद ही यह बता पाएगा कि मामले की रिपोर्ट पर क्या सच्चाई है
इस घटना की सूचना मिलने के बाद टीमों के साथ आसपास के इलाके की तलाशी ली गई और 5 और हाथी अस्वस्थ हालत में जमीन पर पड़े मिले। इस झुंड में 13 हाथी बताए गए जिनमें से 4 की मृत्यु हो गई (1 नर 3 मादा) 5 अस्वस्थ हैं और 4 स्वस्थ पाए गए। सभी संभावनाओं को देखते हुए इलाके की तलाशी ली जा रही है।
#बांधवगढ़ , संजय और स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ फोरेंसिक एंड हेल्थ जबलपुर के वन्यजीव स्वास्थ्य अधिकारियों और वन्यजीव पशु चिकित्सक की मेडिकल टीम जंगली हाथियों का सभी संभव तरीकों से इलाज कर रही है। STSF जबलपुर एवं भोपाल की टीम भी जांच करने हेतु स्थान पर पहुंची है।
पार्क प्रबंधन एवं वन्यजीव चिकित्सक लगातार भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के विशेषज्ञों से भी लगातार परामर्श लिया जा रहा है। अस्वस्थ हाथियों का उपचार जारी है
Author: Pradhan Warta
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