लीज पट्टे में ली गई भूमि की शर्तों का उलंघन करने पर लगा 1 करोड़ का जुर्माना
लीज के शर्तों का उलंघन करने पर लगा 1करोड़ का जुर्माना जिले में मचा हड़कंप
उमरिया जिले में लीज पट्टे में ली गई भूमि की शर्तों का उलंघन करने के मामले में ठाकुर दास सचदेव सहित अन्य को बड़ा महंगा पड़ा है। जिसमें उमरिया कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्देश के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। कोर्ट के निर्देश के बाद एडीएम उमरिया के द्वारा मामले की जांच उपरांत शर्तों के उल्लंघन मामले में ठाकुर दास सचदेव और अन्य के ऊपर लगभग एक करोड रुपए का जुर्माना लगाया है जुर्माना जमा करने के लिए 15 दिन का समय निर्धारित किया गया है। इसके बाद आगामी भूमि से बेदखल करने की कार्रवाई की जाएगी।
ये था सम्पूर्ण मामला हों सकती बेदखली की कार्रवाई
यह पूरा मामला मध्यप्रदेश क़े उमरिया जिला मुख्यालय में मे प्रकाश मे आया है, जहाँ मुख्यालय अंतर्गत रेलवे स्टेशन रोड पर स्थित बांधवगढ़ होटल की जगह की लीज सरकार को यह कहकर ली गई थी कि वह इसका कामर्शियल उपयोग नहीं करेगा। बावजूद इसके इसका कामर्शियल उपयोग कर इस पर लंबी होटल तान दी गई है। इसके अलावा अगल-बगल की शासकीय जमीन पर भी अवैध रूप से कब्जा कर उसमें दुकान बनवाकर उसका कमर्शियल उपयोग किया जा रहा है।
यह पूरा मामला तब सामने आया जब इन्ही के परिवार से ताल्लुक रखने वाले रमेश चंद्र सचदेव के द्वारा इस पूरे मामले का केश उमरिया कोर्ट में लगाया गया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान तथ्य सामने आने के बाद कोर्ट ने कलेक्टर को कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। बताया गया कि इस मामले में ठाकुरदास सचदेव, लक्ष्मण दास सचदेव, किशन सचदेव व अन्य के द्वारा लीज में ली गई भूमि की शर्तों का उल्लंघन किया है।कोर्ट के निर्देश के बाद एडीएम व अपर कलेक्टर शिव गोविंद सिंह मरकाम के द्वारा कोर्ट के निर्देश के तहत इन सभी के ऊपर लीज की भूमि की शर्तों के उल्लंघन मामले में 98 लाख 29 हजार 117 रुपये का जुर्माना अधिरोपित किया है। एटीएम के द्वारा जारी निर्देश में यह भी उल्लेख किया गया है कि जमाने की राशि जमा करने इसके बाद बेदखली की कार्यवाही की जा सकती है। एडीएम उमरिया के द्वारा जारी आदेश के बाद लीज की शर्तों का उल्लंघन और अगल-बगल की शासकीय भूमि में अतिक्रमण करने वालों में हड़कंप मच गया है।
मामले में अपर कलेक्टर शिव गोविंद सिंह मरकाम ने बताया है की लीज पट्टे से हटकर काम करना और उसका उपयोग व्यवसायिक रुप से किया जाने से शासन को छति पहुंची है,उन्होंने बताया है कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करते हुए लीज पट्टी की शर्तों का उल्लंघन किया गया है। जिस पर सिविल न्यायालय ने सुनवाई की है। जिसकी लगातार शिकायतें मिल रही थी।
इस दौरान सरकारी जमीन से अतिक्रमण को हटाने का आदेश दिया है। बता दें कि यह जिले का पहला मामला होगा, जब अतिक्रमणकारी को सरकार के नियमों के विपरीत जाना इतना महंगा पड़ा है और उस पर इतना बड़ा जुर्माना लगाया गया है निश्चित ही अतिक्रमणकारियों के लिए व शर्तों पर ली गई लीज की भूमि जो भी काबिज है उनके लिए ये सबक साबित होगा।