माँ शारदा शक्तिपीठ मैहर धाम में शारदेय नवरात्रि द्वतीय दिवस प्रातः काल श्रृंगार एवं आरती देखें

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

शारदेय नवरात्रि द्वतीय दिवस प्रातः काल श्रृंगार एवं आरती

नवरात्रि के दूसरे दिन माँ दुर्गा के दूसरे स्वरूप “माँ दुर्गा” की पूजा की जाती है। इस दिन का विशेष महत्व है और इसे “द्वितीया” कहा जाता है। प्रातः काल का समय माँ की आराधना के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।

श्रृंगार:

  • इस दिन माँ दुर्गा का श्रृंगार लाल और पीले रंग के वस्त्रों से किया जाता है।
  • उनके सिर पर फूलों की माला और गहनों का विशेष ध्यान रखा जाता है।
  • कलश की स्थापना करें और उसमें पानी, चावल, व्रत का फल, और देवी-देवताओं का चिह्न स्थापित करें।

ॐ जय दुर्गे, जय दुर्गे, जय दुर्गे,
जय दुर्गा माता!
ॐ जय दुर्गे, जय दुर्गे, जय दुर्गे,
जय दुर्गा माता!

गौरी, भवानी, जगदम्बा माता,
हम सबकी रखियो तुम रक्षा माता!
ॐ जय दुर्गे, जय दुर्गे, जय दुर्गे,
जय दुर्गा माता!

आज (4 अक्टूबर) नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करें। देवी पार्वती ने शिव जी को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। ब्रह्म शब्द का अर्थ है तपस्या और ब्रह्मचारिणी का अर्थ है तपस्या का आचरण करने वाली। कठोर तप की वजह से देवी को ब्रह्मचारिणी नाम मिला।

Pradhan Warta
Author: Pradhan Warta

Leave a Comment

और पढ़ें